गुरुवार, 11 नवंबर 2010

संकट में दैनिक भास्कर

शिमला मे दैनिक भास्कर को दो झटके लगे हैं. रमेश सिंगटा ने भास्कर छोड़ दिया है. वरिष्ट उप संपादक सुनील राणा दैनिक जागरण धर्मशाला के साथ हो लिए हैं. सुनील राणा के इस्तीफा देते ही शिमला भास्कर के सिटी पेज बनाने का संकट आ गया है. रिपोर्टिंग स्टाफ की हालत भी ठीक नहीं है. रमेश सिंगटा के जाने से रिपोर्टिंग स्टाफ का भी टोटा हो गया है. स्टेट ब्यूरो में अब दो लोग रह गए हैं. दैनिक भास्कर के शिमला संस्करण का हश्र भी गंगानगर भास्कर की तरह हो गया है. संपादक कीर्ति राणा की शिमला के स्टाफ से भी छतीस का आंकड़ा चल रहा है.
सूत्रों के अनुसार कीर्ति राणा का ऑफिस मे स्टाफ के साथ अजीब सा रवैया रहता है. इसी से रवैये खफा स्टाफ एक एक करके भास्कर का साथ छोड़ रहे हैं. गंगानगर से ट्रान्सफर होने के बाद कुछ समय तक कीर्ति राणा शिमला में शांत रहे. लेकिन दो महीनों से वो यकाएक एक्टिव हो गए हैं. सबसे पहले उन्होंने शिमला से एक फोटोग्राफर को धर्मशाला भेजा. उसके बाद उन्होंने अपने स्टाफ को इगनोर कर जागरण में कार्यरत एक व्यक्ति को चीफ सब एडिटर बना दिया. इससे ऑफिस का माहौल तनावपूर्ण हो गया. फिर शिमला, सोलन, मण्डी, काँगड़ा, ऊना, नाहन, कुल्लू और हमीरपुर के ब्यूरो चीफों को ट्रान्सफर करने की धमकी दी. मण्डी से राजेश कौशल और नाहन के ब्यूरो चीफ को हटा दिया, कीर्ति राणा से पहले मुकेश माथुर ने शिमला भास्कर को ठीकठाक ऊंचाई पर पहुंचाया था.

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