बुधवार, 30 नवंबर 2011

पेड न्‍यूज को लेकर सरकार गंभीर

सरकार इलेक्‍ट्रानिक मीडिया को अपने अधिकार क्षेत्र में लाने की तैयारी कर रही है. पिछले काफी समय से इलेक्‍ट्रानिक मीडिया की आजादी पर प्रहार करने वाली सरकार अब इसे कानूनी चाबुक से हांकने की तैयारी में जुटी हुई है. सरकार की तरफ से सूचना एवं प्रसारण राज्‍य मंत्री सीएम जातुया ने बताया कि भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने प्रेस परिषद कानून, 1978 में संशोधन कर इलेक्ट्रोनिक मीडिया को भी अपने अधिकार क्षेत्र में लाने का तथा अपना नाम बदलकर मीडिया परिषद किए जाने का प्रस्ताव भेजा है. इस कानून में संशोधन का प्रस्‍ताव विचाराधीन है और यदि जरूरी समझा गया तो विभिन्‍न पक्षों के साथ व्‍यापक विचार विमर्श करके तथा मीडिया से संबंधित मुद्दों पर सर्वसम्‍मति बनाने के बाद इसका प्रारुप तैयार किया जाएगा.

जातुया ने अनिल माधव दवे के सवालों के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने डी राजा के एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि पीसीआई के अध्यक्ष ने मीडिया को उचित प्रकार से अपने कार्यो को निष्पादित करने की खातिर संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत प्रदत्त मीडिया की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी के साथ काम करने के बीच संतुलन स्थापित करने की आवश्यकता के मुद्दे को उठाते हुए सरकार को एक पत्र लिखा है. उन्‍होंने कहा कि पीसीआई ने ‘पेड न्यूज’ जैसे गंभीर मुद्दे का संज्ञान लिया है और इस संबंध में एक रिपोर्ट जारी की है. उन्होंने कहा कि सरकार ने एक मंत्री समूह का गठन किया है जो पेड न्यूज संबंधी पीसीआई की रिपोर्ट की जांच करेगा तथा इस समस्या का समाधान निकालने के लिए एक व्यापक नीति तैयार करने और एक संस्थागत तंत्र स्थापित करने पर अपनी राय देगा. मंत्री ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने भी चुनाव के दौरान पेड न्यूज की घटनाओं को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं. (इनपुट : आजतक)

प्रशांत भूषण ने संपादक को नोटिस भेजा

अन्‍ना टीम के प्रमुख सदस्‍य प्रशांत भूषण ने राजस्‍थान के भिलवाड़ा से प्रकाशित अखबार डायमंड इंडिया के संपादक को लीगल नोटिस भेजा है. प्रशांत अन्‍ना टीम के दूसरे सदस्‍य अरविंद केजरीवाल के वकील के तौर पर यह नोटिस भेजा है. नोटिस डायमंड इंडिया में प्रकाशित एक खबर पर भेजी गई है. खबर में बताया गया है कि अन्‍ना के आंदोलन को आरएसएस का पूरा समर्थन था तथा अरविंद केजरीवाल अंदरुनी तौर पर आरएसएस और भाजपा के संपर्क में थे.

खबर में अरविंद केजरीवाल के सांप्रदायिक होने का आरोप भी लगाया गया है. अखबार ने यह भी लिखा है कि अरविंद मारवाड़ी परिवार से ताल्‍लुक रखते हैं और इनके पिता तथा चाचा आरएसएस से जुड़े रहे हैं. और भी कई आरोप लगाए गए हैं. अखबार के संपादक भंवर मेघवंशी को भेजे गए नोटिस में प्रशांत भूषण ने कहा है कि इसके मिलने के पन्‍द्रह दिन के भीतर अखबार बिना शर्त के माफीनामा प्रकाशित करें. माफीनामा प्रकाशित नहीं करने की दशा में उनका क्‍लाइंट सिविल तथा क्रिमिनल केस करने के लिए बाध्‍य होगा.

टीसीरीज वालों की दादागीरी

टी सीरीज वाले खुद कितने बड़े चोर हैं, यह बालीवुड या संगीत की दुनिया से जुड़ा कोई भी शख्स बता सकता है. दूसरों की धुनें, गाने, लाइनें चुराकर और गायकों-संगीतकारों आदि से लगभग मुफ्त में काम करवाकर अरबपति-खरबपति बने ये टीसीरीज वाले आजकल कापीराइट कानून को लेकर बड़े सजग-सतर्क नजर आ रहे हैं. जो भी इनकी कंपनी से निकले गानों को बजाता मिल जा रहा है, उसे ये पुलिस के जरिए पकड़वाकर जेल भिजवा रहे हैं.

ताजा शिकार बने हैं रेडियो मस्का डाट काम के निदेशक अनिल शर्मा. सूत्रों का कहना है कि टी सीरीज वालों ने पुलिस को अच्छा खासा पैसा खिला रखा है, इसी कारण टी सीरीज वालों की तरफ से शिकायत आते ही पुलिस तत्काल आरोपी को उठा लेती है और कोर्ट में पेश कर रिमांड पर ले लेती है. वैसे अगर आपके घर में कुछ हो जाए, कोई खो जाए, कोई लुट जाए तो पुलिस घंटों तक निष्क्रिय बनी रहती है और कोशिश करती है कि रिपोर्ट न लिखनी पड़े तो ही अच्छा लेकिन टीसीरीज का मामला आते ही पुलिस बड़ी फास्ट भागने लगती है.

इस देश में कापीराइट कानून पर बहस चलाने की जरूरत है. आखिर क्यों किताब, संगीत आदि पर किसी एक कंपनी को जिंदगी भर कमाते रहने की छूट मिलनी चाहिए. इन चीजों को कुछ एक बरस के बाद कापीराइट फ्री कर देना चाहिए. जैसे हवा पानी पर किसी एक का हक नहीं उसी तरह संगीत किताब ज्ञान पर भी किसी एक का हमेशा के लिए हक नहीं बनना चाहिए. पर पूंजी के खेल के इस दौर में चोर उचक्के टाइप के लोग हमारी ही चीजों को चुराकर बेचते हैं और जब हम उसी फ्री में हासिल करना चाहते हैं तो हमें चोर बताते हैं.

टीसीरीज वालों की चोरकटई-गुंडई का मुंहतोड़ जवाब यही हो सकता है कि इनके कारनामों, करतूतों, चोरियों, चिरकुटई का भरपूर खुलासा सभी ब्लागरों-पोर्टलों को करना चाहिए. दूसरे, हर ब्लागर, पोर्टल वाले को अपने अपने अपने यहां टीसीरीज के गानों को जमकर बजाना चाहिए, देखते हैं ये चोर लोग कितने लोगों को गाना बजाने के आरोप में जेल भिजवाते हैं. रेडियो मस्का के निदेशक अनिल शर्मा की गिरफ्तारी के बारे में दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर इस प्रकार है--

रेडियो मस्का डॉट कॉम के निदेशक गिरफ्तार

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने रेडियो मस्का डॉट कॉम के निदेशक अनिल शर्मा के खिलाफ कापीराइट एक्ट के उल्लंघन का मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी को पटियाला हाउस कोर्ट स्थित एसीएमएम की अदालत में पेश किया। वहां से पुलिस ने उन्हें दो दिन की रिमांड पर ले लिया। टी-सीरीज कंपनी के अध्यक्ष नीरज कल्याण ने पुलिस को रेडियो मस्का डॉट कॉम के संचालक अनिल शर्मा के खिलाफ शिकायत दी थी।

शिकायत में नीरज का कहना था कि रेडियो मस्का डॉट कॉम द्वारा बिना उनकी अनुमति या लाइसेंस के उनकी कंपनी के कैसेट के गानों को प्रसारित किया जा रहा है। यह गतिविधि कॉपीराइट एक्ट के उल्लंघन के दायरे में आती है। आर्थिक अपराध शाखा की पुलिस ने जांच कर अनिल शर्मा के खिलाफ कॉपीराइट एक्ट का मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने उसके पास इंटरनेट पर टी सीरीज के गानों की ब्राडकास्टिंग से जुड़ा कुछ सामान भी बरामद किया है।

इस संबंध में टीसीरीज के अध्यक्ष नीरज कल्याण ने बताया कि वे इंटरनेट के माध्यम से होने वाली डिजीटल पायरेसी के खिलाफ विशेष अभियान चला रहे हैं। इससे पहले वे डिजीटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट के मामले में गुरुजी डॉट कॉम, यू-ट्यूब, माईस्पेस डॉट काम इत्यादि कई वेबसाइट के खिलाफ कार्रवाई करा चुके हैं। फिलहाल उन्होंने कॉपीराइट के मामले में दिशांत डॉट कॉम को भी नोटिस भेजा है।

आपरेटरों ने बीबीसी चैनल दिखाना बंद किया

पाकिस्तान में केबल ऑपरेटरों ने बीबीसी के अंतरराष्ट्रीय टीवी चैनल बीबीसी वर्ल्ड न्यूज़ को 'ब्लॉक' करना शुरु कर दिया है यानी कई शहरों में अब ऑपरेटर अब इस चैनल को नहीं दिखा रहे हैं. संवाददाताओं का कहना है कि पाकिस्तान के अधिकतर शहरों में बीबीसी वर्ल्ड न्यूज़ को देखना संभव नहीं है और संभावना है कि इस प्रतिबंध को बुधवार तक ग्रामीण इलाक़ों में भी लागू कर दिया जाएगा. ऑपरेटरों का कहना है कि ये क़दम बीबीसी की टीवी डॉक्यूमेंटरी 'सीक्रेट पाकिस्तान' को प्रसारित किए जाने के बाद उठाया गया है.

ऑल पाकिस्तान केबल ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को घोषणा की कि बुधवार से जो भी विदेशी चैनल 'पाकिस्तान विरोधी' कार्यक्रम दिखाएँगे उनको दिखाना बंद कर दिया जाएगा. केबल ऑपरेटरों की संस्था ने पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (पेमरा) से कहा - "यदि विदेशी चैनल देश के लिए नुक़सानदेह जानकारी प्रसारित करते पाए जाते हैं तो उनके लैंडिंग राइट्स यानी ऑपलोडिंग और प्रसारण के अधिकार रद्द कर दिए जाएँ."

बीबीसी के प्रवक्ता ने कहा, "हम ऐसी हर कार्रवाई की निंदा करते हैं जो हमारी संपादकीय स्वतंत्रता पर अंकुश लगाती है और हमारी निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ सर्विस को जनता तक पहुँचने से रोकती है. हम आग्रह करेंगे कि बीबीसी वर्ल्ड न्यूज़ और अन्य अंतरराष्ट्रीय चैनलों को दोबारा जनता तक पहुँचने दिया जाए." बीबीसी की डॉक्यूमेंटरी 'सीक्रेट पाकिस्तान' में पाकिस्तान की तालिबान के चरमपंथ से लड़ने की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाए गए हैं.

अमरीकी ख़ुफ़िया एजेंसियों के अधिकारियों के हवाले से इसमें पाकिस्तान के कुछ लोगों पर आरोप लगाए गए हैं कि एक ओर वे सार्वजनिक तौर पर अमरीका के सहयोगी होने का दावा करते हैं और दूसरी ओर वे ख़ुफ़िया तरीके से अफ़ग़ानिस्तान के तालिबान के हथियार और प्रशिक्षण देते हैं. ग़ौरतलब है कि हाल में पाकिस्तान में अफ़ग़ान सीमा के पास नाटो सैनिकों के हमले में पाकिस्तान के 24 सैनिकों के मारे जाने के बाद पाकिस्तानी मीडिया में चल रही आलोचनाओं के बीच बीबीसी वर्ल्ड न्यूज़ को ब्लॉक करने का फ़ैसला लिया गया है. साभार : बीबीसी

दिलीप मंडल इंडिया टुडे से फिर जुड़ेंगे

आईआईएमसी से जुड़े दलित चिंतक एवं लेखक दिलीप मंडल अपनी नई पारी इंडिया टुडे के साथ शुरू करने जा रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि वे जल्‍द ही इस मैगजीन के साथ जुड़ रहे हैं. बेबाक ब्‍लॉगर और कई किताबों के लेखक दिलीप फिलहाल आईआईएमसी से संबद्ध हैं. दिलीप मंडल के अपने करियर की शुरुआत नवभारत टाइम्‍स से की थी. इसके बाद दैनिक जागरण, अमर उजाला, जनसत्‍ता, इंटर प्रेस सर्विस के लिए काम किया.

इलेक्‍ट्रानिक मीडिया में भी दिलीप ने लम्‍बा समय बिताया है. परख न्‍यूज मैगजीन, आजतक, स्‍टार न्‍यूज, जी टीवी, सीएनबीसी आवाज के साथ भी जुड़े रहे. इकोनॉमिक टाइम्‍स ऑन लाइन के संपादक भी रहे. इन दिनों बेब पत्रिकारिता में भी लगातार चर्चा में रहते हैं. इंडिया टुडे के साथ दिलीप की यह दूसरी पारी है.

रविवार, 20 नवंबर 2011

दिल्ली सूचना विभाग में खुलेआम लूट


दिल्ली सरकार के सूचना एवम् प्रचार निदेशालय में विज्ञापन एजेंसियों की सूचीबद्धता के नाम पर खुलेआम लूट का खेल जारी है। समाचार पत्रों में छपी खबरों के बाद भ्रष्ट अधिकारी मनी भूषण मल्होत्रा को आखिरकार डीआईपी से जाना पड़ा। जिसके बाद विभाग में अकेली पड़ी निदेशक साहिबा को विभाग के अधिकारियों की सुध आई, जो इस लुट में शामिल न किए जाने से खासे नाराज़ थे। मामला बिगड़ते देख आई.ए.एस. निदेशक रीता कुमार ने अभी तक किनारे किए हुए विभाग के अधिकारियों से भी सलाह-मशविरा करना शुरू कर दिया है। अब इन अधिकारियों की भी बांछे खिल गई है, अभी तक निदेशक को पानी पी-पी कर कोसने वाले यह अधिकारी बड़े गोलमाल की फिराक हैं।
सूत्रों के मुताबिक निदेशक रीता कुमार कुछ ऐसी विज्ञापन ऐजेंसियों को सूचीबद्ध करने के लिए जिद्द पर अड़ी हुई है जो टेण्डर के मुताबिक मानदंडों पर खरी नहीं उतरती हैं। इसलिए यह पूरा प्रकरण विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया तो यहां तक जा रहा है कि अपनी चहेती ऐजेंसियों को सूचीबद्ध करने के लिए सुविधानुसार दस्तावेज तैयार कराए जा रहे हैं। गौरतलब है कि ग्रेड 1 ऐजेंसियां ही दिल्ली सरकार के विज्ञापन जारी करती हैं जिससे इन एजेंसियों को भारी कमाई होती है। इसी कमाई को देखते हुए कुछ ऐजेंसियां ग्रेड 1 में शामिल होने के लिए तरह-तरह के जुगाड़ लगा रही हैं ओर मोटा चढ़ावा चढ़ाने को तत्पर हैं। इसी मोटे चढ़ावे को लपकने के लिए विभाग में आपस में छींटाकशी और आर.टी.आई. युद्ध चला हुआ है।
विभाग में नए आए उपनिदेशक विकास गोयल इस पुरे प्रकरण में मुकदर्शक बने हुए हैं और माल के लिए मची इस जंग से हैरान-परेशान हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने विभाग के भ्रष्टाचार को देखते हुए विज्ञापन शाखा का काम देखने से इन्कार कर दिया था और विज्ञापन एजेंसियों की सूचीबद्धता के गड़बड़-झाले से भी दूर रहने की इच्छा जाहिर की है।
हास्यस्पद पहलु यह है कि निदेशक रीता कुमार भारत सरकार के सूचना एवम् प्रसारण मंत्रालय की निष्पक्ष एवम् स्वतंत्रा विज्ञापन एजेंसी डीएवीपी द्वारा सूचीबद्ध समाचार पत्रों को ही नकली बताने पर तुली हुई है जोकि इनकी लघु एवम् मझौले समाचार पत्रों के बारे में अज्ञानता की पराकाष्ठा है। गौरतलब है कि डीएवीपी से सूचीबद्ध समाचार पत्रों को पूरे भारतवर्ष की राज्य सरकारें विज्ञापन जारी करती हैं। डीएवीपी में समाचार पत्रा को सूचीबद्ध करते समय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा बनाई गई विज्ञापन नीति का पालन किया जाता है तथा आवश्यक 30-35 अनिवार्य पात्राता की शर्तों पर उचित पाये जाने पर ही सूचीबद्ध किया जाता है।
लघु एवम् मझौले समाचार पत्रा स्थानीय समस्याओं को उजागर करने में अग्रणी भुमिका निभाते हैं और एयरकंडीशन कल्चर के आई.ए.एस. रीता कुमार जैसे अधिकारियों को जगाने का काम करते हैं। निदेशक रीता कुमार के पास दिल्ली से प्रकाशित होने वाले डीएवीपी से सूचीबद्ध लगभग 600 लघु एवम् मझौले समाचार पत्रों की समस्याएं सुनने का समय नहीं है। मगर विज्ञापन एजेंसियों को सूचीबद्ध करने के लिए वह जिसप्रकार तत्परता दिखा रही है और चहेते अधिकारियों द्वारा जो सौदेबाजी का खेल चल रहा है वह जांच का विषय है।