रविवार, 14 जून 2009

सुभाष चंद्रा ने देर से आने वालों को पकड़ा

जी ग्रुप के चेयरमैन सुभाष चंद्रा कल जी न्यूज आफिस में पहुंचे। सुबह नौ-सवा नौ बजे के करीब। वे औचक निरीक्षण के मूड में पहुंचे थे। न्यूज रूम से लेकर हर विभाग, सेक्शन में पहुंचे। हर जगह इक्का-दुक्का लोग मिले। सुबह की खुमारी पूरे आफिस पर तारी थी।
पूरा आफिस घूमने के बाद जी के मुखिया गेट पर पहुंचे और रजिस्टर सामने रखवाया। सबके आने का निर्धारित टाइम और कल के दिन पहुंचने का टाइम दर्ज कराया। ''चेयरमैन साहब आफिस में चेक कर रहे हैं'' टाइप की सूचना धड़ाधड़ जी कर्मियों तक पहुंचने लगी। क्या एडिटर और क्या आडिटर, सब एलर्ट। सब जी न्यूज आफिस की ओर दौड़े। सूत्रों का कहना है कि रात की शिफ्ट को सुबह रिलीव करने के लिए जो लोग आते हैं, उनमें ज्यादातर देर से पहुंचते हैं। ये सभी लोग चेयरमैन के औचक निरीक्षण में पकड़े गए। इनके अलावा कई ऐसे लोग भी फंसे जो पहली बार देर से आए। सभी विभागों के देर से आने वाले कर्मियों को मौखिक हिदायत दी गई है कि वे आगे से इस तरह की गलती न करें और आफिस समय से आएं। बाद में सभी कर्मियों के लिए एक आंतरिक मेल जारी किया गया जिसमें टाइम से न आने को लापरवाही करार देते हुए भविष्य में ऐसे कृत्य पर दंडित किए जाने की बात कही गई है। इस मेल में निर्धारित टाइम से 10 मिनट की देरी को माफी योग्य बताया गया है लेकिन इसके बाद किसी तरह की माफी न देने की चेतावनी कही गई है।
सूत्रों का कहना है कि टीआरपी की जंग में देश के इस सबसे पुराने और प्रतिष्ठित न्यूज चैनल के लगातार पिछड़ने के चलते प्रबंधन में बेचैनी है। इसी कारण आजकल प्रबंधन जी न्यूज पर खास निगाह रखे है और संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही कुछ उलटफेर हो सकता है। खासकर कंटेंट से जुड़े वरिष्ठ लोग खुद को दुधारी तलवार पर पा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि कंटेंट की टीम पर दबाव बढ़ाने के लिए ही सुभाष चंद्रा ने आफिस समय से न आने वालों को पकड़ा। इसके जरिए उन्होंने वरिष्ठों को उनकी लचर व्यवस्था के बारे में संकेत दे दिया है। जानकारों का मानना है कि आमतौर पर ज्यादातर कंपनियों में साल में एक-दो बार प्रबंधन से जुड़े वरिष्ठ लोग औचक निरीक्षण जैसा कार्यक्रम इसलिए बनाते हैं ताकि कर्मचारियों पर मनोगत दबाव बना रहे और काम के प्रति जिम्मेदारी का भाव मजबूत हो। संभव है, सुभाष चंद्रा का निरीक्षण भी इसी का हिस्सा हो हो। इसी कारण इस निरीक्षण से कोई अन्य नतीजा निकालना जल्दबाजी कहा जाएगा। पर सूत्र बताते हैं कि जी न्यूज में अंदर की स्थितियां सामान्य नहीं हैं और पूरी टीम पर अच्छा प्रदर्शन करने को लेकर जबरदस्त दबाव है।
अंत में : जी न्यूज में कार्यरत एक पत्रकार ने नाम न छापने की शर्त पर बी4एम को बताया- ''जी का राजकाज नहीं बदलने वाला। जो देर से आते हैं, वे आज भी देर से आए। जो बेचारे पहली बार देर से आने पर फंसे, उन्हें जरूर अफसोस हुआ और वे आज टाइम से पहले प्रकट हो गए। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि जी की जनता पर कोई खास फरक नहीं पड़ा चेयरमैन साहब के निरीक्षण से।''

संतोष और राकेश नई दुनिया छोड़ पीपुल्स के हुए

संतोष और राकेश नई दुनिया छोड़ पीपुल्स के हुए
नई दुनिया, भोपाल के जनरल मैनेजर (सरकुलेशन) संतोष सोलंकी ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने नई पारी पीपुल्स ग्रुप के अखबार पीपुल्स समाचार के साथ शुरू की है। सोलंकी दैनिक भास्कर और राज एक्सप्रेस जैसे अखबारों में काम कर चुके हैं। राज एक्सप्रेस के भोपाल और इंदौर एडिशन की लांचिंग में संतोष सोलंकी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसी तरह नई दुनिया, जबलपुर और भोपाल (नव दुनिया) की भी लांचिंग टीम के वरिष्ठ सदस्य सोलंकी रहे हैं। पीपुल्स ग्रुप में संतोष सोलंकी को प्रसार का काम सौंपा गया है। पद वही रहेगा, जनरल मैनेजर (सरकुलेशन)। वे पीपुल्स ग्रुप के सभी संस्करणों के प्रसार के लिए जिम्मेदार होंगे। पीपुल्स ग्रुप जल्द ही इंदौर एडिशन लांच करने वाला है। इंदौर के बाद जबलपुर, ग्वालियर और रायपुर एडिशन शुरू किए जाएंगे।
संतोष सोलंकी ने अपनी टीम भी बनानी शुरू कर दी है। उनके साथ नई दुनिया, ग्वालियर के सीनियर मैनेजर (सरकुलेशन) राकेश चतुर्वेदी ने भी पीपुल्स ग्रुप के अखबार पीपुल्स समाचार को ज्वाइन किया है। राकेश चतुर्वेदी के बारे में बताया जा रहा है कि उन्हें पीपुल्स समाचार के इंदौर एडिशन की जिम्मेदारी दी गई है। राकेश दैनिक भास्कर और अमर उजाला जैसे अखबारों के साथ भी काम कर चुके हैं। सरकुलेशन के फील्ड में 12 साल से सक्रिय राकेश नई दुनिया के रायपुर संस्करण की लांचिंग टीम के हिस्से रहे हैं। दैनिक भास्कर के राजस्थान के संस्करणों की लांचिंग में राकेश चतुर्वेदी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

एडिटर को आदेश- बिजनेस हेड को रिपोर्ट करें!

एडिटर को आदेश- बिजनेस हेड को रिपोर्ट करें!
सोचिये, संपादक किसे रिपोर्ट करता होगा? आप कहेंगे- प्रधान संपादक को, सीईओ को, मैनेजिंग एडिटर को, मैनेजिंग डायरेक्टर को, चेयरमैन को या इनमें से किसी को भी। और, आपका कहना ठीक भी है। ऐसा अपने मीडिया में चलता है। लेकिन संपादक अपने बिजनेस हेड को रिपोर्ट करे, यह थोड़ी अजीब बात है। है न! कहां संपादक और कहां बिजनेस हेड। दोनों के अलग-अलग काम। दोनों के अलग-अलग विधान। दोनों के अलग-अलग तेवर। दोनों के अलग-अलग कलेवर। दोनों के अलग-अलग अंदाज। दोनों के अलग-अलग सरोकार। लेकिन इस बाजारवादी व्यवस्था में शेर और बकरी, दोनों एक साथ एक घाट पर पानी पीने लगे हैं। इस मार्केट इकोनामी में शेर सियार को रिपोर्ट करता दिख सकता है तो कहीं सियार हाथी का शिकार करते हुए मिल सकता है। वजह, तीन तिकड़म से माल कमाकर मालामाल करने वाला बंदा सबसे बड़ा अधिकारी मान लिया गया है। अन्य उद्योगों की तरह मीडिया में भी सबका माई-बाप रेवेन्यू हो गया है। यही वजह है कि विचार-समाचार से लेकर अचार बेचने वाले तक, सभी आजकल सुबह-शाम राग 'सबसे बड़ा रुपैय्या भैया' गाते हुए मिल जाएंगे। सबके सब रेवेन्यू की छतरी तले आने लगे हैं। रेवेन्यू की 'जय गान' कर नंबर बढ़ाने लगे हैं। कुछ लोग देर से ना-नुकुर के बाद शरमाते-सकुचाते रेवेन्यू की छतरी तले आ रहे हैं तो कुछ दौड़ते, जीभ लपलपाते भागे चले आ रहे हैं। इतनी सब कथा-कहानी के बाद अब आते हैं मूल खबर पर।
जी ग्रुप में नई परिपाटी शुरू हो गई है। जी ग्रुप के एक एडिटर को बिजनेस हेड को रिपोर्ट करने के लिए कह दिया गया है। बात हो रही है रीजनल न्यूज चैनल जी न्यूज यूपी / उत्तराखंड की। यहां एडिटर के रूप में कार्यरत वाशिंद्र मिश्रा को नए बिजनेस हेड अमित त्रिपाठी को रिपोर्ट करने के लिए आदेश जारी कर दिया गया है। अमित त्रिपाठी की नए बिजनेस हेड के रूप में नियुक्ति कल 13 जून को की गई है। इस नियुक्ति के संबंध में जारी आंतरिक मेल में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि जी न्यूज यूपी चैनल के एडिटर वाशिंद्र मिश्र नए बिजनेस हेड अमित त्रिपाठी को रिपोर्ट करेंगे। अमित त्रिपाठी जी न्यूज के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट (सेल्स) के पद पर कार्यरत हैं और उन्हें जी न्यूज यूपी चैनल के बिजनेस हेड की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। अभी तक बिजनेस हेड के पद पर कार्यरत संजय पांडेय को अब 'नए न्यूज चैनलों के कंटेंट रिलेटेड एसाइनमेंट' का चार्ज दिया गया है। संजय पांडेय की नई जिम्मेदारी को लेकर भी जी की वाइस प्रेसीडेंट (एचआर) दिव्या वर्मा की तरफ से मेल जारी किया गया है। इस मेल में कहा गया है कि संजय पांडेय अब जी न्यूज लिमिटेड के सीईओ बरुन दास को रिपोर्ट करेंगे।