विपिन पब्बी को ब्रेकफास्ट, चेंगप्पा को लंच तो राजा बोस को डीनर, जय हो चाचा, भतीजे की लड़ाई की : मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उनके भतीजे मनप्रीत सिंह बादल की लड़ाई का खूब फायदा अखबार जगत उठा रहा है। अखबारों के एडीटर भी मजे ले रहे हैं और अखबारों के रिपोर्टर भी। एडीटरों को मजे का ब्रेकफास्ट और लंच तो साथ ही गिफ्ट का आफर। पिछले कुछ दिनों से पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में पत्रकारों की फिजा बदल गई है। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने सारे रिपोर्टरों और एडीटरों को खूब खुश करने की हिदायत दे रखी है। उधर सुखबीर बादल ने मीडिया मैनेजमेंट के लिए खुद लोक संपर्क विभाग अपने अधीन कर लिया है।
मनप्रीत बादल के विद्रोह से पिता पुत्र परेशान हैं। प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे सुखबीर बादल को समझ में नहीँ आ रहा कि क्या करें। उपर से मीडिया में मनप्रीत सिंह बादल के कवरेज ने परेशान कर दिया है। इसी कारण प्रकाश सिंह बादल ने सारी मीडिया को अपने काबू में करने के लिए हर हथकंडे अपना लिए हैं। दो दिन पहले इंडियन एक्सप्रेस के स्थानीय संपादक विपिन पब्बी को ब्रेकफास्ट पर बुलाया गया। जबकि उस दिन ही लंच पर ट्रिब्यून के एडीटर राज चेंगप्पा को बुलाया गया। इसके बाद रात का डिनर टाइम्स आफ इंडिया के संपादक राजा बोस के लिए फिक्स किया गया। लेकिन राजा बोस उस दिन एक रिपोर्टर को ले जाने के लिए आमादा थे, इसलिए डिनर नहीं हो पाया। बाद में राजा बोस का डिनर किया गया।
इस पूरे खेल में दैनिक जागरण ने स्टैंड ले लिया है। दैनिक जागरण ने खुलकर मनप्रीत का विरोध शुरू कर दिया है। खुद दैनिक जागऱण के संपादक निशिकांत ठाकुर चंडीगढ़ में बैठे हैं। कोशिश है सरकार का करीबी बनकर ज्यादा से ज्यादा विज्ञापन लिया जाए। सरकार भी जागरण के चारण वंदना को नजर अंदाज नहीं कर रही है। लेकिन सरकार मालिक संपादक ही नहीं, रिपोर्टरों का भी ख्याल रख रही है। 19 अक्तूबर को मुख्यमंत्री बादल ने अपने घर पर लंच दिया। इसमें 12 चुनिंदा पत्रकारों को बुलाकर खिलाया-पिलाया गया।
अगले दिन 20 अक्तूबर को फिर मुख्यमंत्री ने फिर 10 पत्रकारों को बुलाया। इसमें पंजाब केसरी, अजीत, टाइम्स आफ इडिया, टिब्यून का पूरा प्रतिनिधित्व था। एक दिन पहले भी इन्हीं सारे अखबारों के अन्य पत्रकारों को बुलाया गया था। अब कुछ पत्रकारों को सत्ताधारी दल ने खुफियागिरी की ड्यूटी भी लगायी है। कुछ पत्रकारों को सुखबीर बादल की तरफ से तैयार प्रश्न मिल रहे हैं। ये तैयार सवाल ही मनप्रीत सिंह बादल से पूछे जा रहे है। 20 अक्तूबर को मनप्रीत सिंह बादल के प्रेस कांफ्रेंस में एक पत्रकार अकाली दल द्वारा दिए गए प्रश्नों को पूछ रहा था। मसलन पत्रकार महोदय ने मनप्रीत सिंह बादल से पूछा कि आपकी सदस्यता जा सकती है और अगर व्हिप का उल्लंघन आप करेंगे। अब पत्रकार महोदय को कौन बताए कि मनप्रीत सिंह बाद ला ग्रेजुएट हैं। लंदन से पढ़कर आए हैं। उनके पास वकीलों की भी एक फौज होगी, जो दल बदल विरोधी कानून पर उन्हें सलाह दे रहे होंगे। लेकिन पत्रकारों को क्या, अकाली दल ने बता दिया कि इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला है, वही अखबारों ने अगले दिन छाप दिया। न किसी वकील से बात की न मनप्रीत बादल से बात की। अगले दिन सवाल पूछ दिया।