सूत्रों के मुताबिक निदेशक रीता कुमार कुछ ऐसी विज्ञापन ऐजेंसियों को सूचीबद्ध करने के लिए जिद्द पर अड़ी हुई है जो टेण्डर के मुताबिक मानदंडों पर खरी नहीं उतरती हैं। इसलिए यह पूरा प्रकरण विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया तो यहां तक जा रहा है कि अपनी चहेती ऐजेंसियों को सूचीबद्ध करने के लिए सुविधानुसार दस्तावेज तैयार कराए जा रहे हैं। गौरतलब है कि ग्रेड 1 ऐजेंसियां ही दिल्ली सरकार के विज्ञापन जारी करती हैं जिससे इन एजेंसियों को भारी कमाई होती है। इसी कमाई को देखते हुए कुछ ऐजेंसियां ग्रेड 1 में शामिल होने के लिए तरह-तरह के जुगाड़ लगा रही हैं ओर मोटा चढ़ावा चढ़ाने को तत्पर हैं। इसी मोटे चढ़ावे को लपकने के लिए विभाग में आपस में छींटाकशी और आर.टी.आई. युद्ध चला हुआ है।
विभाग में नए आए उपनिदेशक विकास गोयल इस पुरे प्रकरण में मुकदर्शक बने हुए हैं और माल के लिए मची इस जंग से हैरान-परेशान हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने विभाग के भ्रष्टाचार को देखते हुए विज्ञापन शाखा का काम देखने से इन्कार कर दिया था और विज्ञापन एजेंसियों की सूचीबद्धता के गड़बड़-झाले से भी दूर रहने की इच्छा जाहिर की है।
हास्यस्पद पहलु यह है कि निदेशक रीता कुमार भारत सरकार के सूचना एवम् प्रसारण मंत्रालय की निष्पक्ष एवम् स्वतंत्रा विज्ञापन एजेंसी डीएवीपी द्वारा सूचीबद्ध समाचार पत्रों को ही नकली बताने पर तुली हुई है जोकि इनकी लघु एवम् मझौले समाचार पत्रों के बारे में अज्ञानता की पराकाष्ठा है। गौरतलब है कि डीएवीपी से सूचीबद्ध समाचार पत्रों को पूरे भारतवर्ष की राज्य सरकारें विज्ञापन जारी करती हैं। डीएवीपी में समाचार पत्रा को सूचीबद्ध करते समय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा बनाई गई विज्ञापन नीति का पालन किया जाता है तथा आवश्यक 30-35 अनिवार्य पात्राता की शर्तों पर उचित पाये जाने पर ही सूचीबद्ध किया जाता है।
लघु एवम् मझौले समाचार पत्रा स्थानीय समस्याओं को उजागर करने में अग्रणी भुमिका निभाते हैं और एयरकंडीशन कल्चर के आई.ए.एस. रीता कुमार जैसे अधिकारियों को जगाने का काम करते हैं। निदेशक रीता कुमार के पास दिल्ली से प्रकाशित होने वाले डीएवीपी से सूचीबद्ध लगभग 600 लघु एवम् मझौले समाचार पत्रों की समस्याएं सुनने का समय नहीं है। मगर विज्ञापन एजेंसियों को सूचीबद्ध करने के लिए वह जिसप्रकार तत्परता दिखा रही है और चहेते अधिकारियों द्वारा जो सौदेबाजी का खेल चल रहा है वह जांच का विषय है।
reet kumar ki dada giri kab tak sahte rahenge
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